zilla panchayat elections: Sultanpur Zila Panchayat Election: सुलतानपुर जिला पंचायत इलेक्शन
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हाइलाइट्स:
- बीजेपी का दावा है कि निषाद पार्टी के चारों सदस्यों ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट करने का समर्थन किया
- बीजेपी से ज्यादा हैं एसपी के जीते हुए सदस्य
- निर्दलियों के सहारे दोनों पार्टियां नैया पार लगाने में जुटी
यूपी में तीन जुलाई के भीतर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र में 45 जिला पंचायत सदस्य हैं। इनमें 23 सदस्यों का वोट पाने वाला विजयी होगा। तीन सदस्य जीतने वाली बीजेपी (BJP) को 20 अन्य सदस्यों और सात सदस्य जीतने वाली एसपी (SP) को 16 अन्य सदस्यों के वोट की दरकार है। ऐसे में निर्दलीय सदस्य किंगमेकर की भूमिका में होंगे।
निषाद पार्टी के चार सदस्यों पर बीजेपी ने डाले डोरे
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वार्ड नंबर-42 से जीती प्रत्याशी केशा देवी के नाम पर मुहर लगाई है। वहीं, बीजेपी की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह संभावित प्रत्याशी हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू की बहन अर्चना सिंह ने भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है और वो भी ताल ठोक रही हैं। पांच सदस्य जीतने वाली बीएसपी (BSP) का रुख अभी साफ नहीं है। बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्यों पर डोरे डालना शुरू कर दिया है़। तीन दिन पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष, विधायक आदि नेताओं ने निषाद पार्टी से जीते चार सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें वोट के लिए मोटिवेट किया। इसमें वार्ड नंबर-2 से जीती निर्मला निषाद, वार्ड नंबर-9 से जीते तिल्थू निषाद, वार्ड नंबर-44 से जीते मंगेश यादव और वार्ड नंबर-45 से जीते माता प्रसाद शामिल हैं। बीजेपी का दावा है कि चारों सदस्यों ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट करने का समर्थन किया है।
मजबूत स्थिति में है बीजेपी
एसपी के पास अपने सात सदस्य हैं। वार्ड-12 से किरन, वार्ड-31 से रमाशंकर यादव, वार्ड-33 से कमलेश, वार्ड-35 से हंसराज, वार्ड-36 से मंजू देवी, वार्ड-42 से केशा देवी और वार्ड-43 से लाल बहादुर यादव चुनाव जीते हैं। इनके अतिरिक्त 16 सदस्यों को पाले में लाने के लिए जोड़-तोड़ का दौर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, एसपी के लिए राह आसान नहीं है। वहीं, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं, इसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा की पत्नी सोनी सिंह भी शामिल हैं। बात करने पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व का जो निर्देश होगा वही किया जाएगा। बीएसपी के भी पांच सदस्यों का भी कुछ यही तर्क है। ऐसे में तीन सीट जीतने वाली बीजेपी की राह आसान दिखाई दे रही है।
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