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हाइलाइट्स:
- WhatsApp ने लगाया दूसरी ऐप्स पर आरोप
- Zomato और BigBasket भी करती हैं यूजर्स का डाटा इक्ट्ठा
- WhatsApp ने किया था एफेडेविट दायर
अब 15 मई से WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना अनिवार्य है अन्यथा यूजर्स WhatsApp की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे। हाल ही में नई प्राइवेसी पॉलिसी के चलते हो रही आलोचना के लिए Facebook के स्वामित्व वाली WhatsApp ने इसके विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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WhatsApp द्वारा दी गई याचिका में आरोप था कि अधिकतर ऐप और वेबसाइट समान पॉलिसी का पालन करती हैं और WhatsApp के मुकाबले ज्यादा डाटा एकत्रित करती हैं। WhatsApp ने Zomato, BigBasket, Ola, Koo, Truecaller और Aarogya Setu समेत कई कंपनियों का नाम लिया है और आरोप लगाया कि यह यूजर्स का ज्यादा डाटा एकत्रित करती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp द्वारा 5 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। कंपनी का दावा था कि कई लोकप्रिय ऐप ज्यादा या समान प्रकार से यूजर्स का डाटा एकत्रित करती हैं। इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की याचिका में Microsoft, Google, Zoom और यहां तक कि Republic TV की डिजिटल साइट पर भी डाटा एकत्रित करने का आरोप लगाया गया था।
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WhatsApp ने अपने एफिडेविट में कहा कि कई इंटरनेट बेस्ड ऐप और वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी का रिव्यू करने से यह साफ होता है कि उनकी पॉलिसी में उनके द्वारा एकत्रित किए जाने वाला डाटा और जानकारी WhatsApp के 2021 अपडेट के समान है और कई ऐप ज्यादा भी एकत्रित करती हैं। WhatsApp ने अपने एफिडेविट में यह भी बताया है कि अगर उसे अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने की मंजूरी नहीं है तो इससे देश में टेक कंपनियों का संचालन बाधित होगा। खासतौर पर वह कंपनियां जो कि किराने की डिलीवरी आदि की सर्विस देती हैं।
उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट का WhatsApp के खिलाफ दायर एक याचिका में जवाब आया था कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना या नहीं करना यूजर पर निर्भर करता है। अगर कोई व्यक्ति कंपनी की शर्तों से सहमत होकर ऐप का इस्तेमाल करना चाहता है तो कर सकता है। नहीं तो वह ऐप इस्तेमाल नहीं करने के ऑप्शन का भी चयन कर सकता है।
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WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने की आखिरी तारीख 15 मई को ही है। इसको लेकर WhatsApp ने काफी बड़ी घोषणा की थी। Whatsapp ने अपने FAQ पेज अपडेट किया कि अगर कोई नई प्राइवेसी पॉलिसी को नहीं स्वीकारता है तो यूजर का अकाउंट डिलीट नहीं किया जाएगा। अगर यूजर आखिरी तारीख के बाद भी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वह WhatsApp के लिमिटेड फीचर का ही इस्तेमाल कर पाएंगे। WhatsApp कुछ सप्ताह बाद अपने जरूरी फीचर्स को इस्तेमाल करने से रोक देगा।
इन फायदों से रहेंगे वंछित:
Whatsapp यूजर अगर नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वह WhatsApp चैट लिस्ट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि, WhatsApp यूजर इनकमिंग कॉल और वीडियो कॉल का जवाब दे पाएंगे। अगर यूजर ने नोटिफिकेशन को एनेबल किया है तो वह उन पर टैप करके मैसेज को पढ़ सकते हैं और या फिर मैसेज का रिप्लाई भी कर सकते हैं। इसके अलावा मिस्ड कॉल या वीडियो कॉल का भी दोबारा जवाब दे पाएंगे। यूजर्स इस दौरान इनकमिंग कॉल या नोटिफिकेशन नहीं मिलेगी। वहीं, WhatsApp यूजर के फोन पर मैसेज और कॉल भी बंद कर देगा।
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