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कहते हैं राजनीति में सबकुछ जायज है। वोटरों को लुभाने के लिए नेता बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि वादा करता कोई और है और पूरा कोई और कर देता है। कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में। जहां निषाद समाज के वोटरों को लुभाने के लिए अखिलेश यादव ने कुल देवी के मंदिर में पूजा अर्चना, हवन यज्ञ किया और उस क्षेत्र का विकास कराने का आश्वासन दिया लेकिन इसके कुछ समय बाद ही बीजेपी ने उस क्षेत्र के विकास के लिए 50 लाख रुपए जारी कर दिए।
5 अप्रैल को आए थे अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री व सपा मुखिया अखिलेश यादव 5 अप्रैल को थाना नगला सिंघी क्षेत्र के कोट कसौंदी स्थित माता सीयर देवी के मंदिर पर आए थे। जहां उन्होंने हवन पूजन करते हुए निषाद समाज के वोटरों को लुभाने का काम किया था। बता दें कि माता सीयर देवी निषाद समाज की कुलदेवी हैं। इस मंदिर से समूचे निषाद समाज की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हुई है। मंदिर में पूजा अर्चना करने के साथ ही सरकार में आने पर इस क्षेत्र का विकास कराने के लिए कहा था। इससे पहले भी अखिलेश यादव इस क्षेत्र में जनसभाएं कर चुके हैं।
बीजेपी ने जारी कर दिया बजट
निषाद समाज को हाथ से खिसकता देख बीजेपी ने माता सीयर देवी मंदिर को पर्यटक क्षेत्र घोषित करने की साथ ही 50 लाख रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया। टूंडला विधायक प्रेमपाल सिंह धनगर ने बताया कि माता सीयर देवी मंदिर से सभी की आस्था जुड़ी हुई है। बीजेपी सदैव मंदिरों के जीर्णोद्धार और विकास के लिए काम करती आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए 50 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। इससे मंदिर की भव्यता और बढ़ेगी।
प्राचीन है मंदिर का इतिहास
नगला सिंघी क्षेत्र के बीहड़ में स्थित कोट कसौंदी में माता सियर देवी का मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास आला और ऊदल के जमाने से है। सियरदेवी निषाद समाज की कुलदेवी के रूप में जानी जाती हैं इसलिए जिले के टूण्डला इलाके में इस मंदिर की काफी मान्यता है। टूण्डला विधानसभा सीट से जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ता है, वह इस मंदिर में मत्था टेकने जरूर जाता है, चाहे वह किसी पार्टी का हो या फिर जाति, धर्म का। राजनीतिक लोगों का विश्वास है कि यहां मत्था टेकने से न केवल इस विधानसभा इलाके में बल्कि प्रदेश भर की सभी सीटों पर उसे विजय मिलती है। पूर्व में वर्ष 2009 में राजबब्बर ने फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था और इस मंदिर से मन्नत मांगी थी। जीतने के बाद उन्होंने मंदिर के बाहर चबूतरे और रेलिंग का निर्माण कराया था।
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