Lemon tea पीने से नशा नही दवा का काम करता है

Lemon tea पीने से नशा नही दवा का काम करता है।

Lemon tea: चाय के शौकीनों के लिए वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित यह खास रिपोर्ट:-

आज चाय एक ऐसा पदार्थ बन गया है, जिसके बिना हमारा जीवन फीका सा लगने लगता है। हम सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले चाय खोजने लगे हैं और पीते भी है। हम प्रत्येक कुछ घंटों के बाद जब तक जगे होते हैं, चाय पीते रहते हैं,

जैसे प्रयोगशाला में कार्य करने वाला शोधार्थि हो या शोध निर्देशक, सरकारी दफ्तर मे काम करने वाला हो कर्मचारी हो या प्राइवेट दफ्तर मे, मजदूर हो या बहुत बड़ा आदमी सबका यही स्वभाव बन गया है कि वह बार-बार चाय पीता है।

हमारे घर कोई रिश्तेदार आया तो मेहमान नवाजि के क्रम में चाय पिलाना एक महत्वपूर्ण तरीका बन चुका है। कहते है किसी भी पदार्थ की जरूरत जब हद से ज्यादा होने लगे और हम उसका उपभोग भी जरुरत पड़ने पर करने लगे तब उसे नशा का नाम दिया जाता है।

चाय आज उसी स्थिति में आ चुका है, कहे तो चाय नशा बन चुका है। अक्सर नशा का मतलब बुरे से होता है पर चाय का नशा अगर सही तरीके से उसका सेवन करें तो हमारे लिए अत्यंत गुणकारी है।

आज हम चाय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानेंगे।

चाय का वनस्पतिक नाम कैमेलिया साइनेंसिस है, जो एक थिएसी कुल का द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी दो प्रजातियां होती हैं एक है कैमेलिया साइनेंसिस प्रजाति साइनेंसिस जिसे “चाइना टी” तथा दुसरी है कैमेलिया साइनेंसिस प्रजाति असामिका जिसे “आसाम टी” कहते हैं।

इस पौधे की उत्पत्ति चाइना में हुई है। यह एक सदाबहार झाड़ी नुमा पौधा होता है इसकी पत्तियों का मानव जाति द्वारा उपभोग किया जाता है। इस पौधे में बहुत से महत्वपूर्ण जैव रासायनिक पदार्थ,

Lemon Tea Medicinal benefits
Lemon Tea Medicinal benefits

जिसमें ईसेंशियल आयल जैसे कि ईथेरियाल और थियाल आयल जो सुगंध और स्वाद के लिए होते हैं, एल्केल्वाइड जैसे कि कैफीन जो तीखा होता है और उत्तेजक पदार्थ की तरह तथा ताजा करने वाले पदार्थ की तरह काम करता है,

इसे भी पढे 

क्या अब बंद बोलते जीवन जीने का सहारा होगा । 

पॉलिफिनॉल्स जैसे कि थियोफ्लेविन्स और थियोरुबिजेनीन जो एस्ट्रीन्जेन्ट की तरह कार्य करते हैं, कैरोटीन्वायड्स, एन्थोसाइनिडिन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, लिपिड्स, कुछ आर्गेनिक अम्ल तथा अमीनो अम्ल पाये जाते हैं।

कैफीन का उपभोग हमें कुछ संज्ञयात्मक लाभ देता है जैसे बहुचर्चित पार्किंसन रोग के प्रभाव को कम करता है सर दर्द की पीड़ा तथा उसके समय को घटाता है।

हमारे देश में चाय में सामान्यता हम दूध को मिलाकर उसका सेवन करते है। हमारी सोच के अनुसार बिना दूध की चाय और कम दूध की चाय हमारे लिए तौहीन का विषय होता है। परंतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चाय का दूध के साथ सेवन उचित नहीं है।

यह चाय के औषधीय गुणों को कम करता है। हृदय तथा रक्त धमनियों से संबंधित रोगों में लाभप्रद प्रभाव को रोक देता है क्योंकि दूध चाय में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण तत्वों के साथ बंध जाता है जो रक्त धमनियों को विश्राम देने के लिए जानी जाती हैं।

अब मन में प्रश्न यह उठता है कि क्या चाय को अकेले पिया जाए? चाय को अकेले पिने पर चाय में “कैटेकिंस” नामक एक एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ पाया जाता है जो रक्त प्रवाह में अवशोषित नहीं हो पाता है।

Lemon Tea
Lemon tea पीने से नशा नही दवा का काम करता है

जब चाय में हम नींबू मिलाकर पीते हैं तो यह हमारे छोटे आंत का पीएच कम कर देता है जिससे अधिक मात्रा में कैटेकिंस अवशोषित हो जाता है। इस प्रकार आप देख रहे हैं चाय में दूध मिलाने से चाय के गुणकारी प्रभाव कम हो रहे हैं

बल्कि नींबू मिलाकर पीने से गुणकारी प्रभाव में वृद्धि आ रही है। एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं क्योंकि शारीरिक चयापचय क्रियाओं में तथा तनाव की स्थिति मे हर समय प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों का निर्माण होता रहता है।

जिसे एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ मारने का काम करते है यदि प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों को न मारा जाए तो यह हमारे शरीर को बहुत क्षति पहुंचा सकते हैं

क्योंकि वह शरीर की सामान्य चयापचय क्रियाओं को और असामान्य बनाने तथा उनके पथ को भटकाने का कार्य करते हैं। अतः चाय में दूध मिलाकर पीने से ज्यादा नींबू मिलाकर चाय पीना गुणकारी सिद्ध होगा।

उपर्युक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है की चाय का सेवन करना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है यदि हम उसे सही तरीके से सेवन करें ।

Sourse 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!