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एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Thu, 20 May 2021 12:36 AM IST
चक्रवात ताउते तो अब कमजोर पड़ गया लेकिन अपने पीछे तबाही का एक ऐसा मंजर छोड़ गया है जिसकी भरपाई में एक अरसा लग जाएगा। सैकड़ों मकान तहस-नहस हो गए, पेड़-पौधे उखड़ गए हैं। कई लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग बेघर हुए हैं। इनके राहत और पुनर्वास कार्य भी शुरू हो चुके हैं। लेकिन इन सबके बीच, जो बात सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में रही है, वह है बार्ज।
ताउते तूफान के तांडव के बीच मुंबई से 175 किलोमीटर दूर समुद्र में फंसे 4 जहाजों पर सवार 713 लोगों में से 620 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें बार्ज पी-305 पर फंसे 273 लोगों में से बचाए गए 186 लोग भी शामिल हैं। नौसेना और तटरक्षक बल के जवानों ने 26 लोगों के शव बरामद किए हैं। जबकि 81 लोग अब भी लापता हैं, जिन्हें बचाने के लिए राहत व तलाश अभियान जारी है।
लेकिन इनके सबके बीच यह जानना जरूरी है कि बार्ज क्या हैं। क्या काम आते हैं? कैसे बॉम्बे हाई क्षेत्र में तैनात बार्ज पर सैकड़ों लोग फंसे रहे? कई दिन पहले से लगातार जारी की गई चेतावनियों के बावजूद ऐसा कैसे हुआ और क्यों इसे नजरअंदाज कर सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डाली गई?
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