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सार
एक माह पहले गंगा में मिले शव के मामले में ट्वीट करने पर कार्रवाई हुई। बलिया पुलिस ने बयान के लिए तलब किया तो ट्वीट कर कहा, लगता है मोस्ट वांटेड का तमगा मिलने ही वाला है।
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह
– फोटो : Twitter: @suryapsingh_IAS
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शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमा व नोटिस भेजकर तलब किए जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया। बृहस्पतिवार को उन्होंने लिखा कि मैं अपने जूनियर अफसरों से काफी निराश हूं, कि उन्हें कानून तक की जानकारी नहीं है। फिलहाल खबर यह है कि उन्नाव वाले मामले में ही मेरे ऊपर 7वीं एफआईआर बलिया में भी हो चुकी है और आज बलिया पुलिस मेरे घर आकर मुझे थाने आने का नोटिस दे गई। लगता है मोस्ट वांटेड का तमगा मिलने ही वाला है।
इसके बाद बृहस्पतिवार को ही सूर्य प्रताप सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि यूपी सरकार ने 7वीं एफआईआर सबसे दूर के जनपद बलिया में की है। उन्होंने कहा, लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे। कहा, नियत परेशान करने की है। सवाल किया, क्या ये ही लोकतंत्र है?
क्या ये ही अभिव्यक्ति की आजादी है?
25 साल में 54 ट्रांसफर
शुक्रवार को अपने एक अन्य ट्वीट में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि 25 साल में 54 ट्रांसफर हुए। जब मेरी सदनीयत व नीतियां नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी? उन्होंने कहा, सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है।
रिटायर्ड आईएस अफसर अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीटर पर एक फोटो अटैच करते हुए बलिया में गंगा नदी के किनारे 67 शवों के मिलने की बात लिखी। इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद 12 मई को नगर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ धारा 505 (सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति आदि परिचालित करना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 (इंटरनेट पर अश्लील समाग्री डालना) के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया। इस बाबत कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने बताया कि एक माह पहले मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना दुबहर थाने के एसआई कर रहे हैं।
विस्तार
शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमा व नोटिस भेजकर तलब किए जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया। बृहस्पतिवार को उन्होंने लिखा कि मैं अपने जूनियर अफसरों से काफी निराश हूं, कि उन्हें कानून तक की जानकारी नहीं है। फिलहाल खबर यह है कि उन्नाव वाले मामले में ही मेरे ऊपर 7वीं एफआईआर बलिया में भी हो चुकी है और आज बलिया पुलिस मेरे घर आकर मुझे थाने आने का नोटिस दे गई। लगता है मोस्ट वांटेड का तमगा मिलने ही वाला है।
इसके बाद बृहस्पतिवार को ही सूर्य प्रताप सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि यूपी सरकार ने 7वीं एफआईआर सबसे दूर के जनपद बलिया में की है। उन्होंने कहा, लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे। कहा, नियत परेशान करने की है। सवाल किया, क्या ये ही लोकतंत्र है?
क्या ये ही अभिव्यक्ति की आजादी है?
रास्ता बहुत खराब है, गड्ढामुक्त नहीं
25 साल में 54 ट्रांसफर
शुक्रवार को अपने एक अन्य ट्वीट में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि 25 साल में 54 ट्रांसफर हुए। जब मेरी सदनीयत व नीतियां नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी? उन्होंने कहा, सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है।
यह है पूरा मामला
यूपी सरकार ने 7वी FIR सबसे दूर के जनपद बलिया में की है l कल पुलिस आयी थी, बलिया तलब किया है l
लखनऊ से बलिया की दूरी संलग्न है l छोटे से छोटा मार्ग लूँ तो भी आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे l
नियत परेशान करने की है l
क्या ये ही लोकतंत्र है?
क्या ये ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है? pic.twitter.com/FKkddSAS5K— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2021
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