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22 Bodies Buried In Sand Found Again At Phaphamau Ghat – फाफामऊ घाट पर फिर मिले रेत में दफन 22 शव 

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 25 Jun 2021 12:38 AM IST

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण फाफमऊ घाट पर बाहर आए शवों का अंतिम संस्कार करते नगर निगम के कर्मचारी।
– फोटो : prayagraj

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बारिश के साथ बांधों से पानी छोड़े जाने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि अब फाफामऊ घाट पर परेशानी का सबब बन गई है। खासतौर से कटान की वजह से रेत में दफनाए गए शवों के लगातार बाहर मिलने से नगर निगम प्रशासन के माथे पर बल पड़ गए हैं। बृहस्पतिवार को फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाए गए 22 और शव गंगा में बहने से पहले रोक लिए गए। देर शाम तक कटान की वजह से रेेती से शवों के बाहर आने का सिलसिला यहां जारी रहा। देर रात तक इस घाट पर लावारिस शवों की चिताएं लगाकर अंतिम संस्कार कराया जाता रहा। अब तक इस घाट पर 92 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है।

गंगा के में जलस्तर वृद्धि होने की वजह से कटान लगातार बढ़ती जा रही है। फाफामऊ घाट पर बृहस्पतिवार की सुबह छह बजे से ही कटान से शवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। घाट पर निगरानी के लिए लगाए गए मजदूरों ने दोपहर 12 बजे तक 13 शव निकाले। इन शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा था, तब तक और शवों के बाहर आने की जानकारी मिलने लगी। रात आठ बजे तक कटान की चपेट में आने के बाद 22 शव रेत से निकाले गए। इस घाट पर दिन भर शवों को छानने का काम हो रहा है। देर रात तक शवों की चिताएं लगाई जाती रहीं।

जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कर्मकांड और श्राद्ध के साथ इन शवों को मुखाग्नि दी। रात को घाट पर एक लाइन से चिताएं जलती रहीं। कटान को देखते हुए अंतिम संस्कार के बाद रात को फाफामऊ घाट पर निगरानी बढ़ा दी गई। एक भी शव गंगा में न बहने पाएं, इसके लिए छह लोगों को रात भर घाट पर निगरानी करने के लिए तैनात कर दिया गया है। निगम के अफसरों का कहना है कि घाट पर कटान का दायरा जिस तरह से बढ़ रहा है, उससे और भी शव बाहर आ सकते हैं। इसलिए कि घाट पर रेत में अभी दर्जनों शवों के होने की आशंका जताई जा रही है।

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बारिश के साथ बांधों से पानी छोड़े जाने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि अब फाफामऊ घाट पर परेशानी का सबब बन गई है। खासतौर से कटान की वजह से रेत में दफनाए गए शवों के लगातार बाहर मिलने से नगर निगम प्रशासन के माथे पर बल पड़ गए हैं। बृहस्पतिवार को फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाए गए 22 और शव गंगा में बहने से पहले रोक लिए गए। देर शाम तक कटान की वजह से रेेती से शवों के बाहर आने का सिलसिला यहां जारी रहा। देर रात तक इस घाट पर लावारिस शवों की चिताएं लगाकर अंतिम संस्कार कराया जाता रहा। अब तक इस घाट पर 92 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है।

गंगा के में जलस्तर वृद्धि होने की वजह से कटान लगातार बढ़ती जा रही है। फाफामऊ घाट पर बृहस्पतिवार की सुबह छह बजे से ही कटान से शवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। घाट पर निगरानी के लिए लगाए गए मजदूरों ने दोपहर 12 बजे तक 13 शव निकाले। इन शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा था, तब तक और शवों के बाहर आने की जानकारी मिलने लगी। रात आठ बजे तक कटान की चपेट में आने के बाद 22 शव रेत से निकाले गए। इस घाट पर दिन भर शवों को छानने का काम हो रहा है। देर रात तक शवों की चिताएं लगाई जाती रहीं।

जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कर्मकांड और श्राद्ध के साथ इन शवों को मुखाग्नि दी। रात को घाट पर एक लाइन से चिताएं जलती रहीं। कटान को देखते हुए अंतिम संस्कार के बाद रात को फाफामऊ घाट पर निगरानी बढ़ा दी गई। एक भी शव गंगा में न बहने पाएं, इसके लिए छह लोगों को रात भर घाट पर निगरानी करने के लिए तैनात कर दिया गया है। निगम के अफसरों का कहना है कि घाट पर कटान का दायरा जिस तरह से बढ़ रहा है, उससे और भी शव बाहर आ सकते हैं। इसलिए कि घाट पर रेत में अभी दर्जनों शवों के होने की आशंका जताई जा रही है।

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