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फिरोजाबाद
कोरोना संकट के बीच जहां अस्पतालों में पैर रखने तक को जगह नहीं है। वहीं, मरीजों को बाहर से लौटाया जा रहा है। वेंटिलेटर की कमी के चलते मरीज फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं। वहीं, ऐसे हालातों के बीच शहर के मेडिकल कॉलेज में काफी संख्या में रखे वेंटिलेटर धूल फांक रहे थे।
114 वेंटिलेटर आए थे मेडिकल कॉलेज
पिछले वर्ष कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन से 114 वेंटिलेटर शहर के मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे। इसमें से कुछ वेंटिलेटर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में रखवा दिए गए, बाकी प्रयोग न होने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखवा दिया गया था। हाल ही में एनबीटी ऑनलाइन ने वेंटिलेटर के धूल फांकने की खबर को चलाया तो इस मामले पर अधिकारियों संज्ञान लिया।
कोरोना संकट के बीच जहां अस्पतालों में पैर रखने तक को जगह नहीं है। वहीं, मरीजों को बाहर से लौटाया जा रहा है। वेंटिलेटर की कमी के चलते मरीज फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं। वहीं, ऐसे हालातों के बीच शहर के मेडिकल कॉलेज में काफी संख्या में रखे वेंटिलेटर धूल फांक रहे थे।
114 वेंटिलेटर आए थे मेडिकल कॉलेज
पिछले वर्ष कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन से 114 वेंटिलेटर शहर के मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे। इसमें से कुछ वेंटिलेटर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में रखवा दिए गए, बाकी प्रयोग न होने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखवा दिया गया था। हाल ही में एनबीटी ऑनलाइन ने वेंटिलेटर के धूल फांकने की खबर को चलाया तो इस मामले पर अधिकारियों संज्ञान लिया।
विभिन्न अस्पतालों में भेजे गए वेंटिलेटर
मामला शासन के संज्ञान में आने पर मेडिकल कॉलेज में रखे वेंटिलेटरों को विभिन्न अस्पतालों में भिजवाया गया। जानकारी देते हुए प्रभारी सीएमएस डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि हमारे यहां 114 वेंटिलेटर आए थे। इनमें से कुछ को अस्पताल के प्रयोग में ले लिया गया, जबकि 50 वेंटिलेटर लखनऊ के कैंसर हॉस्पिटल, 15 प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज और 10 आगरा के आर्मी हॉस्पिटल भेजे गए हैं। इस तरह 75 वेंटिलेटर भेजे गए हैं। इनका प्रयोग विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की जान बचाने के लिए किया जा सकेगा, बाकी शेष रह गए वेंटिलेटरों को आइसोलेशन वार्ड समेत आईसीयू और अन्य वार्डों में प्रयोग किया जाएगा।
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