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varanasi news: varanasi mein shuru hui anoothi pahal: वाराणसी में शुरू हुई अनूठी पहल

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हाइलाइट्स

  • वाराणसी के लालपुर से इसकी शुरुआत हो रही है
  • बाद में शहर के अन्य प्रमुख मार्गों का नाम भी बदला जाएगा
  • करीब 17 छायादार वृक्ष मसलन अमलताश, नीम, गुलमोहर जैसे पेड़ लगाए जाएंगे

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
पर्यावरण के प्रति जागरूकता को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने एक अनूठी पहल की है। वीडीए ने क्षेत्र में पड़ने वाले मुख्य मार्गों का नाम वृक्षों के नाम करने का फैसला लिया है। वाराणसी के लालपुर से इसकी शुरुआत हो रही है। बाद में शहर के अन्य प्रमुख मार्गों का नाम भी बदला जाएगा।

पर्यावरण को लेकर वाराणसी हमेशा से अत्यंत ही संवेदनशील शहर के तौर पर रहा है। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद चुने जाने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कई विकास की परियोजनाएं चल रही हैं। प्राधिकरण के क्षेत्र में पड़ने वाले इलाकों में रिंग रोड समेत कई भवन बीते समय में बने हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान वृक्षों की कटाई से पर्यावरण को होता है। अब इसी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वीडीए ने सड़कों का नाम अब वृक्षों के नाम पर रखने का फैसला किया है ।

पेड़ों के बारे में भी बताया जाएगा
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहान ने बताया कि नई पीढ़ी को वृक्षों को लेकर जानकारी का बहुत अभाव है। लोगों को वृक्षों की जानकारी के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए मुख्य सड़कों का नाम अब पेड़ों के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा एक विशेष बोर्ड के जरिए वृक्षों की खासियत को भी दर्शाया जाएगा। जानकारी में मुख्यतः पेड़ के पूरे इतिहास के साथ उसका बोटेनिकल नाम, उसके गुण लिखे जाएंगे, ताकि लोगों को जानकारी मिल सके। साथ ही लोग वृक्षारोपण के प्रति जागरुक भी हों।

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जुलाई में शुरू होगी नामकरण की प्रक्रिया
मार्ग के किनारे खाली जगह पर वृक्षारोपण कराया जाएगा। ये पेड़ वह होंगे, जिनके नाम पर मार्ग होगा। ईशा दुहान ने बताया कि यूकिलिप्टस जैसे पेड़, जो ग्राउंड वाटर लेवल को कम करते हैं या बबूल जैसे झाड़ियों वाले वृक्षों को इस श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। करीब 17 छायादार वृक्ष मसलन अमलताश, नीम, गुलमोहर जैसे पेड़ इस काम के लिए चिह्नित किए गए हैं और जुलाई के अंत तक नामकरण और बोर्ड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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