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हाइलाइट्स:
- वाराणसी और उससे सटे चंदौली जिले में गुरुवार को गंगा नदी में सात और शव बरामद हुए हैं
- एक शव वाराणसी के सुजाबाद इलाके के पास और छह चंदौली जिले के धानापुर इलाके में मिले
- सुजाबाद इलाके में लोगों ने शवों को मोड़ पर तैरते देखा और रामनगर पुलिस को सूचना दी
वाराणसी और उससे सटे चंदौली जिले में गंगा नदी में सात और शव बरामद हुए हैं। इनमें से एक शव आंशिक रूप से जला हुआ है। एक शव वाराणसी के सुजाबाद इलाके के पास और छह चंदौली जिले के धानापुर इलाके में गुरुवार को मिले। सुजाबाद इलाके में लोगों ने शवों को मोड़ पर तैरते देखा और रामनगर पुलिस को सूचना दी।
इसके बाद गोताखोरों को मौके पर बुलाया गया। काशी अंचल के पुलिस उपायुक्त अमित कुमार भी मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान पर नजर रखी। छह शव और आंशिक रूप से जले हुए एक शव को बाहर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच, चंदौली के धनापुर में छह सड़े-गले शव बरामद किए गए और उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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‘किसी पर पीपीई किट नहीं’
चंदौली के जिला मजिस्ट्रेट संजीव सिंह ने कहा कि धनापुर में बरामद सभी शव बुरी तरह सड़ चुके थे और ऐसा लगता है कि एक सप्ताह पहले उनका निस्तारण कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि किसी भी शव को पीपीई किट में पैक नहीं किया गया था और उन पर पत्थर बंधे थे। संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘हमने ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान घाटों पर टीमों को तैनात किया है ताकि लोगों को नदियों में शवों का निपटान न करने के लिए कहा जाए और अगर वे अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं तो पुलिस को सूचित करें।’
विपक्ष ने किया हमला
बिहार के अधिकारियों ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश से 71 शव बहकर राज्य में आ गए थे। अधिकारियों ने इसके बाद नदी में नेट लगा दिया है। विपक्ष ने राज्य में कोविड की मौतों को कम बताने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस पर ट्वीट किया था। प्रियंका ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है, वह अमानवीय और आपराधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छवि निर्माण में व्यस्त है जबकि लोग परेशान हैं।
सांकेतिक तस्वीर
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