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– फोटो : अमर उजाला
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डीएम ने उत्तराखंड शासन को भेजी रिपोर्ट, सभी निघासन के थे निवासी
अब लापता मजदूरों के परिजनों को जल्द मिल सकेगी आर्थिक सहायता
लखीमपुर खीरी। उत्तराखंड के चमोली त्रासदी में लापता हुए 29 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया गया है। डीएम ने अग्रिम कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड शासन को भेज दी है। इससे लापता मजदूरों के परिजनों को जल्द आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी।
उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी 2021 को धौलीगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण एनटीपीसी के निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे निघासन तहसील क्षेत्र के 33 मजदूर लापता हो गए थे। इनमें चार के शव मिल गए थे। शेष 29 मजदूरों के न ही शव मिले हैं और न ही उनके जीवित होने का कोई प्रमाण है। ऐसी हालत में अब तक पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाई है।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने लापता मजदूरों को मृत घोषित करने के लिए 23 अप्रैल 2021 को गजट प्रकाशित करवाकर 30 दिन के अंदर आपत्ति मांगी थी। इस अवधि में एक भी आपत्ति दाखिल नहीं की गई। अब तक पीड़ित परिवारों को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है, लेकिन डीएम की इस कार्रवाई से पीड़ित परिजनों को जल्द आर्थिक मदद मिल सकेगी।
इन मजदूरों को किया गया मृत घोषित
निघासन तहसील क्षेत्र के गांव इच्छानगर निवासी उमेश शाह, मुकेश कुमार, प्रमोद, राजू गुप्ता, श्रीकृष्ण, जगदीश, इरफान खां, रामविलास, राशिद खां, इरसाद खां, रामतीरथ, इस्लाम हुसैन, शेरबहादुर, मिर्जागंज निवासी भलभल खां, भैरमपुर निवासी विनोद कुमार, पैकरमा गिरि, संतोष पाल, जितेंद्र यादव, अर्जुन लाल, मनोज कुमार पाल, सतेंद्र कुमार, रंजीत गिरि, सुथना बरसोला निवासी रामू, गौरीशंकर, बाबूपुरवा निवासी अर्जुन और हीरालाल, कड़िया निवासी अरुण कुमार, भूलनपुर निवासी धर्मेंद्र वर्मा, नगर पंचायत सिंगाही के वार्ड नंबर छह निवासी जावेद खां का तीन माह बाद भी कोई पता नहीं चल सका है और न ही इनके शव बरामद हुए हैं। लापता 29 लोगों में सबसे ज्यादा इच्छानगर गांव के 13 व्यक्ति और भैरमपुर गांव के आठ व्यक्ति शामिल हैं।
चमोली त्रासदी में लापता हुए 29 मजदूरों के शव बरामद नहीं हुए हैं। न ही इनके जीवित होने के प्रमाण हैं। परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए लापता मजदूरों को मृतक घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी क्रम में 29 लापता मजदूरों को मृत घोषित करते हुए रिपोर्ट जोशीमठ के एसडीएम को भेज दी गई है।
– शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम
डीएम ने उत्तराखंड शासन को भेजी रिपोर्ट, सभी निघासन के थे निवासी
अब लापता मजदूरों के परिजनों को जल्द मिल सकेगी आर्थिक सहायता
लखीमपुर खीरी। उत्तराखंड के चमोली त्रासदी में लापता हुए 29 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया गया है। डीएम ने अग्रिम कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड शासन को भेज दी है। इससे लापता मजदूरों के परिजनों को जल्द आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी।
उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी 2021 को धौलीगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण एनटीपीसी के निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे निघासन तहसील क्षेत्र के 33 मजदूर लापता हो गए थे। इनमें चार के शव मिल गए थे। शेष 29 मजदूरों के न ही शव मिले हैं और न ही उनके जीवित होने का कोई प्रमाण है। ऐसी हालत में अब तक पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाई है।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने लापता मजदूरों को मृत घोषित करने के लिए 23 अप्रैल 2021 को गजट प्रकाशित करवाकर 30 दिन के अंदर आपत्ति मांगी थी। इस अवधि में एक भी आपत्ति दाखिल नहीं की गई। अब तक पीड़ित परिवारों को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है, लेकिन डीएम की इस कार्रवाई से पीड़ित परिजनों को जल्द आर्थिक मदद मिल सकेगी।
इन मजदूरों को किया गया मृत घोषित
निघासन तहसील क्षेत्र के गांव इच्छानगर निवासी उमेश शाह, मुकेश कुमार, प्रमोद, राजू गुप्ता, श्रीकृष्ण, जगदीश, इरफान खां, रामविलास, राशिद खां, इरसाद खां, रामतीरथ, इस्लाम हुसैन, शेरबहादुर, मिर्जागंज निवासी भलभल खां, भैरमपुर निवासी विनोद कुमार, पैकरमा गिरि, संतोष पाल, जितेंद्र यादव, अर्जुन लाल, मनोज कुमार पाल, सतेंद्र कुमार, रंजीत गिरि, सुथना बरसोला निवासी रामू, गौरीशंकर, बाबूपुरवा निवासी अर्जुन और हीरालाल, कड़िया निवासी अरुण कुमार, भूलनपुर निवासी धर्मेंद्र वर्मा, नगर पंचायत सिंगाही के वार्ड नंबर छह निवासी जावेद खां का तीन माह बाद भी कोई पता नहीं चल सका है और न ही इनके शव बरामद हुए हैं। लापता 29 लोगों में सबसे ज्यादा इच्छानगर गांव के 13 व्यक्ति और भैरमपुर गांव के आठ व्यक्ति शामिल हैं।
चमोली त्रासदी में लापता हुए 29 मजदूरों के शव बरामद नहीं हुए हैं। न ही इनके जीवित होने के प्रमाण हैं। परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए लापता मजदूरों को मृतक घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी क्रम में 29 लापता मजदूरों को मृत घोषित करते हुए रिपोर्ट जोशीमठ के एसडीएम को भेज दी गई है।
– शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम
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