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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Sun, 16 May 2021 09:59 AM IST
सार
कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस वर्ष भी परीक्षाएं होना संभव नहीं है। विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है।
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उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विवि बरेली के कुलपति प्रो. कृष्ण पाल सिंह को शामिल कर यह कमेटी बनाई है। कमेटी से सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
कमेटी की शुक्रवार को हुई पहली बैठक में गत शैक्षिक सत्र की तरह वर्तमान शैक्षिक सत्र में भी विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर विचार किया गया। लेकिन इसमें कुछ तकनीकी अड़चन सामने आई।
सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम में कुछ विवि में गत सत्र में पहले सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी थीं। जबकि इस वर्ष प्रवेश विलंब से होने से सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है। सेमेस्टर प्रणाली में पूर्व के एक-दो सेमेस्टर के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जा सकता है।
उधर, गत सत्र में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को इस आधार पर प्रमोट किया गया था कि द्वितीय वर्ष में प्राप्त अंक के औसत अंक प्रथम वर्ष के माने जाएंगे। ऐसे में यदि द्वितीय वर्ष में भी प्रमोट किया गया तो अंक का निर्धारण कैसे होगा? कमेटी को सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट देनी है।
विस्तार
उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विवि बरेली के कुलपति प्रो. कृष्ण पाल सिंह को शामिल कर यह कमेटी बनाई है। कमेटी से सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
कमेटी की शुक्रवार को हुई पहली बैठक में गत शैक्षिक सत्र की तरह वर्तमान शैक्षिक सत्र में भी विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर विचार किया गया। लेकिन इसमें कुछ तकनीकी अड़चन सामने आई।
सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम में कुछ विवि में गत सत्र में पहले सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी थीं। जबकि इस वर्ष प्रवेश विलंब से होने से सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है। सेमेस्टर प्रणाली में पूर्व के एक-दो सेमेस्टर के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जा सकता है।
उधर, गत सत्र में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को इस आधार पर प्रमोट किया गया था कि द्वितीय वर्ष में प्राप्त अंक के औसत अंक प्रथम वर्ष के माने जाएंगे। ऐसे में यदि द्वितीय वर्ष में भी प्रमोट किया गया तो अंक का निर्धारण कैसे होगा? कमेटी को सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट देनी है।
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