Electoral bonds Case

Electoral bonds: मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार SBI को रेलाई किया जाने पूरा मामला

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Electoral bonds: मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार SBI को रेलाई (फटकार) किया जाने पूरा मामला

Electoral bonds Case :चुनावी बांड: सुप्रीम कोर्ट ने SBI को लगाई फटकार, पूछा ‘पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए?’

चुनावी बांड मामले की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश का पालन नहीं करने और 6 मार्च तक भारतीय चुनाव आयोग (EC) को चुनावी बांड दाता विवरण का खुलासा नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई।

जानकारी के लिए बता दू। जब मोदी सरकार आई तब ये ऐसा बिल पास किया गया जिसके जरिए चंदा के रूप में पैसा लेंगे। जो भी पैसा चंदा देने वाला व्यक्ति होगा उसका नाम गुप्त रख्खा जायेगा।

कौन कितना दिया किस पार्टी को दिया इसके बारे में कोई भी जानकारी पब्लिक में नहीं आएगा। इन सभी प्रकिया को Electoral bonds कहा गया।  जब ये बिल आया तभी से इस Electoral bonds के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया। जिसका सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने Electoral bonds को असंवैधानिक बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया।

ये सारे Electoral bonds SBI से खरीदे गए थे। तभी सुप्रीम कोर्ट ने SBI को कहा उन सभी का नाम बताओ कौन कितना किस पार्टी को पैसा दिया है। और ये जानकारी EC (Election Commission) को बताओ।

इसके Election Commission Website पर सार्वजनिक करेगा। 6 मार्च तक SBI को ये जानकारी देनी थी। लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं दी और न ही सार्वजनिक हुवा है।  इसी Case की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट से SBI से पूछ पिछले 26 दिनों में क्या कदम उठाये।

लेकिन इसी बीच ने दोगलापन दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगा था। (समझाता हु ऐसा करने पीछे का कारण – अभी चुनाव की प्रकिया शुरू होने वाले और इसका प्रभाव इस चुनाव में पड़ेगा। अगर आम जनता को पता चल जाये कौन कौन पार्टी को पैसा दिया है और कितना दिया है।

और देने का मकसद क्या है। क्या सरकार बनने के बाद उससे किसी प्रकार ला लाभ लेने की चाहत है।  या उस पार्टी के काम करने के तरीकों को अपने विचार के अनुरूप होते हुए पा रहा है।

या दूसरा रूप भी हो सकता है उन कंपनियों के यहां छापा डलवा कर चंदा के रूप में पैसा देने का दबाव  डाला गया हो।  अब तो जब SBI इसकी जानकारी देंगे तो सब कुछ साफ हो ही जायेगा।

आगे  सुप्रीम कोर्ट ने विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगने वाले SBI के आवेदन को खारिज कर दिया, और विवरण प्रस्तुत करने के लिए 12 मार्च के व्यावसायिक घंटों तक का समय दिया। शीर्ष अदालत ने ECI को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी डालने को भी कहा।

मुख्य सुनवाई शुरू करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसने SBI  को अदालत के फैसले के अनुसार “plain disclosure” करने के लिए कहा था।

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने कहा, “SBI को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है।”

With inputs from Hindustan Times

 

 

 

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