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हाइलाइट्स:
- यूपी के शामली में कोरोना ने तीन मासूम बच्चों को किया बेसहारा
- दादा-दादी और माता-पिता की मौत के बाद टूटा गमों का पहाड़
- फिलहाल तीनों बच्चों की देखभाल उनके मामा कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश के शामली में कोरोना महामारी ने तीन मासूम बच्चों को जिंदगी भर का गम दे दिया है। कोरोना की पहली लहर में पिछले साल पिता की मौत हो गई थी। कुछ समय बाद बच्चों के दादा और दादी भी इस दुनिया को छोड़ गए। इसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई। पति और परिवार के बुजुर्गों के जाने के गम के बीच वह किसी तरह बच्चों का पालन पोषण कर रही थीं। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों के सिर से मां का साया भी छिन गया। परिवार में अब केवल तीन बच्चे हैं, जिनकी देखभाल फिलहाल उनके मामा कर रहे हैं।
कोरोना काल से पहले तक गांव लिसाढ निवासी किसान मांगेराम मलिक बेटे लोकेंद्र के साथ अपनी 9 बीघा खेती से हंसी-खुशी परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। पिछले साल कोरोना की पहली लहर ने उनके परिवार को निगलना शुरू कर दिया। 40 साल के लोकेंद्र मलिक पॉजिटिव हो गए। पिता ने बेटे को शामली के हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन अप्रैल 2020 में लोकेंद्र की मौत हो गई। बेटे की मौत का सदमा पिता बर्दाश्त नहीं कर पाए। दो महीने बाद जून, 2020 में मांगेराम दुनिया छोड़कर चले गए। इसके बाद बच्चों की दादी शिमला देवी की भी नवंबर 2020 में मौत हो गई।
मां के फेफड़ों में 90 प्रतिशत से ज्यादा था संक्रमण
परिवार अभी इन झटकों से उबरा भी नहीं था कि कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों की मां 40 साल की सविता को भी अपनी चपेट में ले लिया। बच्चों ने मामा संजू को इस बारे में बताया। संजू ने बहन का एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सीटी स्कैन कराया। उसके फेफडों में 90 प्रतिशत से भी अधिक संक्रमण पाया गया। 30 अप्रैल को तीन मासूम बच्चों को बेसहारा छोड़कर सविता भी दुनिया से चल बसी।
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बच्चों से मिले कमिश्नर, दिलवाएंगे आर्थिक मदद
सविता के 13 साल के बडे़ बेटे हिमांशु मलिक ने बताया कि वह हाईस्कूल में और उसकी 11 साल की बहन प्राची कक्षा नौ की छात्रा है। उसका 10 साल का छोटा भाई प्रियांशु गांव सातवीं में पढ़ता है। दूसरी ओर, कमिश्नर सहारनपुर मंडल एवी राज मौली ने बताया कि उन्होंने बच्चों से मुलाकात की है और उनका हालचाल जाना है। उन्हें बताया गया है कि वर्तमान में तीनों बच्चों की देखभाल उनके मामा कर रहे हैं। बच्चों को शासन की योजना का अधिक से अधिक लाभ देने का निर्देश दिया गया है। यूपी सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरिश कर रही है।
सांकेतिक तस्वीर
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