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Election Commission द्वारा जारी चुनावी चंदा बॉन्ड का “गन्दा” खेल का पोल खुल गया

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Election Commission द्वारा जारी चुनावी चंदा बॉन्ड का “गन्दा” खेल का पोल खुल गया।

Election Commission : Electoral Bonds की गर्मी जब से चढ़ा है अभी उतने का नाम नहीं ले रहे। ले ही क्यों ? जो इतना बड़ा आम जनता से छुपाने की कोशिश की गयी मगर सुप्रीम कोर्ट के आगे इनकी बातें नहीं चली।

हर सम्भव Electoral Bonds को छुपाने की कोशिश रही मगर हर बार मर ही कहानी पड़ी और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जो SBI 30 जून तक का समय मांग रहा था। वही SBI 12 घंटे की भीतर ही सभी जानकारी ECI को सौंप दी।

लेकिन मित्रों ये यहां भी SBI ने जानकारी देने में घपला मार दी।  SBI ने Electoral Bonds की जानकारी ECI को सौंपी लेकिन अधूरा जानते है क्या ? वो यूनिक Code या सीरियल नंबर जिससे ये पता चल सके की।

कौन कंपनी या व्यक्ति ने किसी पार्टी को कितना चंदा दिया।  SBI से जो जानकारी सौंपी उसमे केवल पैसा देने वाला और पैसा लेने वाला की जानकारी है।  लेकिन कौन किसको दिया इसकी जानकारी नहीं दी। 763 पेजो की 2 पीडीऍफ़ फाइल है।

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लेकिन सम्भवत इसकी भी जानकारी बहुत जल्दी आने की उम्मीद है।  SBI द्वारा सौंपी गयी जानकारी ECI के official website पर Upload है  इसका लिंक मै यहां दे रहा हु। वहा से सभी के नाम , तारीख , रकम इसके साथ सभी उन पार्टियों का नाम जिसको चंदा दिया।

टॉप 10 वो कंम्पनियों जिनसे चंदा दिया नीचे देखे

Donor Name Donation Amount (Rs. crores)
Future Gaming and Hotel Services 1,368
Megha Engineering and Infrastructure Ltd 966
Qwik Supply Chain Private Ltd 410
Vedanta Ltd 400
Haldia Energy Ltd 377
Bharati Group 247
Essel Mining and Industries Ltd 224
Western UP Power Transmission 220
Keventer Foodpark Infra Ltd 194
Madanlal Ltd 185

टॉप 10 वो Political  पार्टियाँ  जिनसे चंदा लिया  नीचे देखे

Party Funds (in Crores)
BJP 6060
Trinamool Congress 1609
Congress 1421
BSP 1214
BJD 775
DMK 639
YSR Congress 337
Telugu Desam Party 218
Shiv Sena 158
RJD 72.50

जानकारी के लिए बता दू। ये चंदा वाला बांड कब -कब ख़रीदा गया।  कहने का मतलब है क्या ये सभी कम्पनियाँ बिना किसी लाभ के चंदा दिए है ? बिना किसी लाभ के चलिए समझते है।

ऐसा देखा जा रहा जब किसी कंपनी के ऊपर ED या CBI का छापा पड़ा है उसके कुछ दिनों या कुछ महीने बाद करोड़ो का चंदा वाला  बॉन्ड खिरीदा गया है। और किसको दिया गया है इसकी सटीक जानकारी तो नहीं आयी है लेकिन जल्द आ सकता है।

इसी वो कम्पनियाँ भी शामिल है जिसने चंदा दिया उसके बाद कहीं न उसको ठेका मिला  हम ये नहीं कह सकते है उसके बदले में मिला है। लेकिन इसका गणित तो ऐसा ही बैठ रहा।

आगे और सुनिए क्या जिन कंम्पनियों के ऊपर छापा पड़ा था उनके ऊपर क्या कोई करवाई की गयी या छोड़ दिया गया? ये भी एक बहुत बढ़ा सवाल है। धीरे -धीरे सब कुछ साफ होते नजर आ रहा है।

इतना ही नहीं वो कम्पनियाँ शामिल है जो घाटे में है फिर भी चंदा दी है। ऐसा इनको करने की क्या जरूरत पड़ गयी। इसके पीछे क्या क्या हो सकता है थोड़ा प्रकाश डालते है।  अब इसमें ये भी हो सकता है किसी और का पैसा कैसी और के जरिये दिया गया हो।  ऐसा हो सकता है। मै ये नहीं कह रहा है ऐसा हुवा है लेकिन ऐसा भी हो सकता है।

किसी ने नारा दिया था ना खाऊंगा ना खाने दुगा लेकिन ऐसा होता नजर बिल्कुल नहीं आ रहा है।  पीछे से खा रहे है खिला भी रहे है।  SBI ने कुछ Electoral Bonds के पैसा पार्टियों ने अपने खाते में नहीं भजाया था।  वो पैसा PM Care Fund में डाल दिया गया ऐसा SBI का कहना है।

और आप सभी जानते  है PM Care Fund कोरोना के दौरान बनाया गया था को RTI से बहार रख्खा गया है। मतलब साफ है आप नहीं जान सकते PM Care Fund का उपयोग कहा किया जा रहा है।  या कितना पैसा PM Care Fund में है या नहीं।

जानकारी के लिए बता दू भ्रामक खबरों दे दूर रहे है अपने विवेक का उपयोग करे। चोर दरवाजे से इस प्रकार से चंदा लेना कही न कही आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा।

ये वीडियो देखे 

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