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हाइलाइट्स:
- अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बनाया खास मास्क
- आसानी से हो सकेगी कोरोना की जांच
- जल्द बिकने लगेंगे ये फ्यूचर मास्क
Wearable Biosensor Mask Can Detect Coronavirus: भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस अलग-अलग रूपों से लोगों को काफी परेशान कर रहा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसी तबाही मचाई कि लोगों को इसकी कल्पना से ही डर लगने लगा है। भारत में कोरोना वायरस आए डेढ़ साल से ऊपर होने को हैं, लेकिन इसकी टेस्टिंग के मामले में लोगों को अब भी कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। कुछ कंपनियों ने तो हाल के महीनों में घर पर ही संक्रमण का पता लगाने से जुड़े कोरोना टेस्टिंग किट बनाने का दावा किया और इसे ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर भी देखा गया। वहीं रैपिड एंटीजेन और आरटीपीसीआर टेस्ट के सस्ते-महंगे विकल्प तो लोगों के पास है ही।
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पैसे बचेंगे
भारत कोरोना की तीसरी लहर के मुहाने पर है और माहौल बन रहा है। इस बीच एक अच्छी खबर ये आ रही है कि मार्केट में एक नया मास्क आ गया है, जो कि Wearable Biosensor से लैस है और इसमें कोरोना वायरस का पता चल जाता है। इस मास्क को पहनने के बाद सांस लेने पर पता चल जाता है कि यूजर कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं। इस नई टेक्नॉलजी का आने वाले समय में काफी लाभ मिल सकता है और लोग कोरोना टेस्ट कराने में लगने वाले पैसे भी बचा सकेंगे।
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इन्होंने बनाया…
बीते दिनों मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी स्थित Wyss इंस्टिट्यूट फॉर बायलॉजिकली इंस्पायर्ड इंजिनियरिंग के रिसर्चर्स की टीम ने Wearable materials with embedded synthetic biology sensors for biomolecule detection नाम से पब्लिश स्टडी में दावा किया कि वियरेबल मटीरियल से भी कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने बायोसेंसर मास्क बनाया।
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कैसे काम करता है?
यह मास्क सामान्य KN95 मास्क की तरह ही होता है, जिसमें नए Wearable Biosensor इंस्टॉल कर दिए जाते हैं। दावा किया गया है कि इस मास्क को लगाने के 90 मिनट के अंदर पता चल जाता है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना संक्रमित है कि नहीं? मास्क लगाते ही बायोसेंसर एक्टिव हो जाता है और फिर लोगों को कुछ समय बाद पता चल जाता है। इस मास्क को बनाने वालों का दावा है कि इसका एकुरेसी लेवल भी स्टैंडर्ड पीसीआर टेस्ट जितना ही है।
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