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देश में कोरोना महामारी बन चुकी है। कोरोना से मचे हाहाकार के बीच राहत भरी खबर ये है कि पानी के जरिए कोरोना का वायरस लोगों को संक्रमित नहीं करता है। इसके साथ ही गंगा में स्नान और आचमन से भी कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के जंतु विज्ञान विभाग के जीव विज्ञानी प्रफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने शोध के बाद ये दावा किया है।
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में प्रफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि अभी तक यह देखा गया है कि बहुत सारे सीवर लाइन से सीधे इन्फेक्टेड जल गंगा में गिरता है, लेकिन इसका असर गंगा के आस-पास रहने वाले किसी भी व्यक्ति पर नहीं देखा गया है। देश के अलग- अलग वैज्ञानिकों ने अब तक जो शोध किए हैं, उनमें भी ये बातें सामने आई हैं कि पानी के जरिए कोरोना का वायरस नहीं फैलता है।
गंगा में स्नान और आचमन से खतरा नहीं
प्रफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि गंगा में स्नान और आचमन से भी पूरी तरह सुरक्षित है। इससे कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। BHU के अलग-अलग विभाग के 10 से अधिक एक्सपर्ट इसको लेकर भी शोध कर चुके हैं। उस शोध में रोजाना गंगा में स्नान करने वालो में आम लोगों की अपेक्षा ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई है।
चार हफ्ते लिए गए हैं सेंपल
प्रफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि बीते चार सप्ताह से लगातार हम लोग गंगा में गिरने वाले सीवर के नालों के जल के सैम्पल कलेक्ट किए हैं। इन जल में पर्याप्त मात्रा में वायरस और बैक्टेरिया आते हैं। शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा है। सीवर लाइन के जरिए उनके वायरस भी गंगा में जाते हैं, लेकिन गंगा में स्नान और धार्मिक कर्म करने वालों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। ये अब तक की स्टडी में देखा गया है।
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